सपनें की एक रात.. और वो ..कुँवर अरुण 👇👇👇👇 ©Kunwar arun ¥ चांदनी रात मे तारों के साथ मे यादों की बारात मे मैंने देखा तुमको सपनें की एक रात में एक नदी किनारे पर्णकुटी मे बैठी थी तुम श्वेत साड़ी पहने हुए पुरवा शीतल बताश मे मखमली पल्लू लहरा रहा था तुम उसे होंटों से दवा के उँगलियों से