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आपको वो उन्नाव वाला किस्सा ध्यान है ना, अरे! हाँ व

 आपको वो उन्नाव वाला किस्सा ध्यान है ना, अरे! हाँ वही ढाई हजार किलो सोने वाला किस्सा, वो बाबा जी वाला किस्सा, भाई ऐसे कैसे भूल सकते हो उस बात को, डीएम साहब खुद खुदाई करने गए थे सबसे पहले फिर क्या था हुजूम ऐसा उमड़ा की पूछो ही ना, जहां तहां के अखबार वाले, टेलेविज़न वाले, और तो और सुना था कि पुरातत्व विभाग के साथ में नासा वाले भी आये थे।

आप भूल गए हों तो कोई बात नहीं, पर ऐसा दिलचस्प किस्सा मैं तो भुलाए भी न भूल पाया हूँ, यहां तक की यादें भी धुंधली न हुई, और हो भी कैसे किस्सा था ही कुछ ख़ास, भई आम की
 आपको वो उन्नाव वाला किस्सा ध्यान है ना, अरे! हाँ वही ढाई हजार किलो सोने वाला किस्सा, वो बाबा जी वाला किस्सा, भाई ऐसे कैसे भूल सकते हो उस बात को, डीएम साहब खुद खुदाई करने गए थे सबसे पहले फिर क्या था हुजूम ऐसा उमड़ा की पूछो ही ना, जहां तहां के अखबार वाले, टेलेविज़न वाले, और तो और सुना था कि पुरातत्व विभाग के साथ में नासा वाले भी आये थे।

आप भूल गए हों तो कोई बात नहीं, पर ऐसा दिलचस्प किस्सा मैं तो भुलाए भी न भूल पाया हूँ, यहां तक की यादें भी धुंधली न हुई, और हो भी कैसे किस्सा था ही कुछ ख़ास, भई आम की

आपको वो उन्नाव वाला किस्सा ध्यान है ना, अरे! हाँ वही ढाई हजार किलो सोने वाला किस्सा, वो बाबा जी वाला किस्सा, भाई ऐसे कैसे भूल सकते हो उस बात को, डीएम साहब खुद खुदाई करने गए थे सबसे पहले फिर क्या था हुजूम ऐसा उमड़ा की पूछो ही ना, जहां तहां के अखबार वाले, टेलेविज़न वाले, और तो और सुना था कि पुरातत्व विभाग के साथ में नासा वाले भी आये थे। आप भूल गए हों तो कोई बात नहीं, पर ऐसा दिलचस्प किस्सा मैं तो भुलाए भी न भूल पाया हूँ, यहां तक की यादें भी धुंधली न हुई, और हो भी कैसे किस्सा था ही कुछ ख़ास, भई आम की #Books