#Labour_Day मजदूर....................................... छीन लेगा वो मुझसे मेरा ही पहचान ना रहेगा रोटी और ना रहेगा वो इंसान... जिनके हाथों से बने हैं तुम्हारे घर और मकान ख़ुद का घर छोड़ कर आते हैं घर बनाने वो इंसान... चन पैसों के लिए छोड़ा था गाँव अपना सुनसान आज अपने गांव जाने को तरसता हैं वो इंसान... अमीरों के वास्ते जहाजों का उड़ान ही उड़ान गरीब मजदूरों लिए कुछ ना किया वो इंसान... शहर के सड़के नाप लिया मजदूरों का खानदान भूख कि तड़प बर्दाश्त ना कर सका वो इंसान... आज लहूलुहान है अपना पूरा हिन्दुस्तान जो मर रहे है अहमद वो भी है इंसान... मोहम्मद साबिर अहमद_उर्फ़_अहमद हुसैन #Labour_Day #Lockdown #Covid_19 #Ahmadhussain Lakshmi singh कवि संदीप सुरीला