उम्र गुज़र जाती है यहाँ खुद को साबित करने में ज़िन्दगी खुद ही जुर्म और खुद ही सज़ा भी है उलझी हुई राहों से गुज़रता है ये अनोखा सफ़र कहीं दर्द से भरी है ज़िन्दगी तो कहीं मज़ा भी है एक अहसास है ज़िन्दगी जन्नत और जहन्नुम का खुदा की मरज़ी से है कुछ तो खुद की रज़ा भी है जिन्दगी गुज़र जाती है जिन्दगी को सुलझाने में यही रास्ता और यही हर फ़साद की वज़ह भी है ज़िन्दगी ही इक मौका है मुस्कुराहटें बिखेरने का और हक़ीक़त में यही हर आँसूओं की वज़ह भी है ©Amit kothari #zindagi_ek_ehsas #Umeed Prajakta Pawar I.A.S dreamerneha 🌟 Nñ..Radha..Singh..Rajput