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लाल इश्क ********** आशिकों के मर्ज की दवा है इश्क

लाल इश्क 
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आशिकों के मर्ज की दवा है इश्क।
जान का रोग है बला है इश्क।।

ये तो महसूस किया जाता है। 
मांगने से कहां मिला है इश्क।।

दिल की गहराई से किया जाए।
तो समझ लीजिए खुदा है इश्क।।

लोग इल्जाम लगाते हैं पर।
रब की चाहत है, इल्तजा है इश्क।‌।

उनसे कैसे बताएं हाले ए दिल।
हमको जिनसे बहुत हुआ है इश्क।।

रात दिन याद किया करती है।
इस जमीं का ये आसमां है इश्क।।

दिल की धड़कन में उमा बसता हैं।
तब यूं लगता है इक दुआ है इश्क।‌।

©Uma Vaishnav
  #Silence