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यह सर्द मौसम है बड़ा बेदर्द। दो चाहने वालो में दूर

यह सर्द मौसम है बड़ा बेदर्द।
दो चाहने वालो में दूरी बना... जगाता है दर्द।।

यह धरा और यह सूर्य, जो है एक दूजे बिन अधूरे।
यह सर्द मौसम, बर्फीली हवाएं और बादल...
सब साजिश कर, ना होने देते उनके अरमान पूरे।।

चाह कर भी मिल ना पाना कर दे इन्हें परेशान।
इनकी दूरी से ठिठुरता धरा का हर एक इंसान।।

जब छंटते है वो बादल और सूर्य की तपश चूमती है यह धरा।
खिल उठता है हर एक प्राणी, सूखे पौधा भी हो जाता है
 फिर से हरा भरा।।

गर्मियों में जिस तपश से सब होते थे परेशान।
इनकी नजदीकियों से जलता था  तब हर इंसान।
वहीं सर्दी में इनकी नजदीकी ला देती सबके चेहरे पे मुस्कान।।
कितना मतलबी है ना इंसान, अपनी सुविधा के अनुसार है बदलता।
गर्मियों में जो नजदीकियों से था जलता।
वहीं सर्दी में इनकी नजदीकी बिन... उनका जीवन नहीं चलता।।

इसीलिए सर्दी है  मौसम दो चाहने वालों की चाहत अधूरी का ।
सिखाता है सयम बनाना,  जब आए मौसम यह दूरी का।।

©Vasudha Uttam #Winter2020 
#season 
#Love
#nojotowriters   
 Ruchika  Priya dubey  ROHIN HODKASIA  Priya Gour sunny Adlakha  Sudha Tripathi Spykee!!!!  Pragati Jain
यह सर्द मौसम है बड़ा बेदर्द।
दो चाहने वालो में दूरी बना... जगाता है दर्द।।

यह धरा और यह सूर्य, जो है एक दूजे बिन अधूरे।
यह सर्द मौसम, बर्फीली हवाएं और बादल...
सब साजिश कर, ना होने देते उनके अरमान पूरे।।

चाह कर भी मिल ना पाना कर दे इन्हें परेशान।
इनकी दूरी से ठिठुरता धरा का हर एक इंसान।।

जब छंटते है वो बादल और सूर्य की तपश चूमती है यह धरा।
खिल उठता है हर एक प्राणी, सूखे पौधा भी हो जाता है
 फिर से हरा भरा।।

गर्मियों में जिस तपश से सब होते थे परेशान।
इनकी नजदीकियों से जलता था  तब हर इंसान।
वहीं सर्दी में इनकी नजदीकी ला देती सबके चेहरे पे मुस्कान।।
कितना मतलबी है ना इंसान, अपनी सुविधा के अनुसार है बदलता।
गर्मियों में जो नजदीकियों से था जलता।
वहीं सर्दी में इनकी नजदीकी बिन... उनका जीवन नहीं चलता।।

इसीलिए सर्दी है  मौसम दो चाहने वालों की चाहत अधूरी का ।
सिखाता है सयम बनाना,  जब आए मौसम यह दूरी का।।

©Vasudha Uttam #Winter2020 
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