ढलना जरूरी हैं सूरज का , वरना चांद खिड़की पर कैसे आएगा ।। गम का आना भी जरूरी है जिन्दगी में , वरना खुशियों का धूप कैसे आएगा ।। ढलना जरूरी हैं सूरज का , वरना पंछी अपना घर कैसे जाएगा ।। कभी कभी रोना भी जरूरी है वरना ये भा हल्का कैसे हो पाएगा ।। ढलना जरूरी हैं सूरज का , वरना सपनों का साज कैसे आयगा ।। वरना फिर नई सुबह सूरज का साज कैसे आयगा ।। ©वर्षा 🌈🌦️ ढलना जरूरी हैं सूरज का ।।। #nojotohindi #nojoto #Nojoto