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देख ना लू बेटी को, तब तक नीद नही आती बैठा रहता हूं

देख ना लू बेटी को, तब तक
नीद नही आती
बैठा रहता हूं चौखट पर, जब तक
घर नही आती
फोन की तसल्ली कम रहती है, बेटी का बाप हूँ ना
बेटी जान नही पाती
कहती है सो लिया करो नींद भर बाबा, जब तक
मैं घर नही आती
भरोसा है बहुत उस पर, मगर क्या करूँ
मुझमे हिम्मत नही आती
प्यार कैसा है, मेरी बच्ची मुझे बच्चा समझती है
बस बता नही पाती
घुंघरू झंकाती फिरती थी, मेरी आंखों से
वो यादें नही जाती
प्यार बढ़ता गया उम्र सा, पर अमानत किसी की
हमेशा रखी नही जाती
पीले हाथो की सोचकर रो पड़ता हूँ, बेटी की बिदाई
मुझसे देखी नही जाती
जब तक जान न लूँ, बिटिया ठीक है
नींद नही आती

©VINAY PANWAR anjali gupta  Neha kumkum singh  Vishakha Vasu Seema saini
देख ना लू बेटी को, तब तक
नीद नही आती
बैठा रहता हूं चौखट पर, जब तक
घर नही आती
फोन की तसल्ली कम रहती है, बेटी का बाप हूँ ना
बेटी जान नही पाती
कहती है सो लिया करो नींद भर बाबा, जब तक
मैं घर नही आती
भरोसा है बहुत उस पर, मगर क्या करूँ
मुझमे हिम्मत नही आती
प्यार कैसा है, मेरी बच्ची मुझे बच्चा समझती है
बस बता नही पाती
घुंघरू झंकाती फिरती थी, मेरी आंखों से
वो यादें नही जाती
प्यार बढ़ता गया उम्र सा, पर अमानत किसी की
हमेशा रखी नही जाती
पीले हाथो की सोचकर रो पड़ता हूँ, बेटी की बिदाई
मुझसे देखी नही जाती
जब तक जान न लूँ, बिटिया ठीक है
नींद नही आती

©VINAY PANWAR anjali gupta  Neha kumkum singh  Vishakha Vasu Seema saini