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आकाश में उड़ना ..चाहत है वायु से प्रेम ... है और

आकाश में उड़ना ..चाहत है
 वायु  से प्रेम ... है
और धागे पर यकीन है हमें

©वंदना ....
  #पतंग का मनोगत ..
कैसा प्रेम है इसका ..चाहत किसी पर प्रेम किसी पर  और यकीन किसी पर ..कुछ नहीं जानता बस उड़ना चाहता है ....जिस धागे पर यकीन करता है यह भी जानता वह पक्का है या कच्चा .... पर धागा भी तो किसी और के हाथ में होता है ....पर सबसे महत्वपूर्ण  यह है .. की सब एक दूसरे का साथ दे रहे ...कुछ समझे नहीं समझे ..😇☺️🤗

#पतंग का मनोगत .. कैसा प्रेम है इसका ..चाहत किसी पर प्रेम किसी पर और यकीन किसी पर ..कुछ नहीं जानता बस उड़ना चाहता है ....जिस धागे पर यकीन करता है यह भी जानता वह पक्का है या कच्चा .... पर धागा भी तो किसी और के हाथ में होता है ....पर सबसे महत्वपूर्ण यह है .. की सब एक दूसरे का साथ दे रहे ...कुछ समझे नहीं समझे ..😇☺️🤗 #विचार

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