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पतझड़ में तुम मिली मुझे सावन की हरियाली कर दी घुट

पतझड़ में तुम मिली मुझे सावन की हरियाली कर दी 
घुटन छोड़कर मुझको भागी  ऐसा जादू करते रहना ।।
बाहर अश्रु नहीं देखते बहते रहते हैं नैना 

दुख दर्द तुम्हारे हो जितने, मन चाहे उन्हें बटोर लूं 
एक पल खुशियों से भर दूं,कुछ भी मेरे पास बचे ना 
बाहर अश्रु नहीं दीखते रहते रहते हैं नैना।

©Anuj Ray
  ,# बाहर अश्रु नहीं दीखते..
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

,# बाहर अश्रु नहीं दीखते.. #कविता

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