#हिदी उर्दू साहित्य# ________&&&&&& काश दिल टूटा ना होता जिंदगी जी लेते हम। पर मुकद्दर है हमारा जिंदगी में गम ही गम।। काश दिल टूटा न होता...... कोई मंजिल ही नहीं है जाएं तो जाएं किधर। आज गफलत के जुनू में घूमते हैं दरबदर।। है फिराक एक कत्ल में जिससे भी पाला पड़ा।। रास्तों को रोक कर अपना ही साया खड़ा। मिलती जो फुरसत गिरेवा भी कभी सी लेते हम। काश दिल टूटा न होता...... कौन अपना कौन बेगाना नहीं समझे कभी। डस गए जो जिंदगी को वह भी अपने हैं सभी।। हां गुमान ए बादशाहत ने पनाहें दी नहीं। जिसका भी जैसे चला वश मेरी राहें रोक दी।। और उन्ही से हर दुआ अपनी खुशी की लेते हम। काश दिल टूटा न होता...... कर दिया रुसवा मुझे और चाहतें भी कत्ल की। जिंदगी मेरी बनी एक बदनुमा आवारगी ।। अब तो सीरत क्या हमारी सूरतें कुछ भी नही। ख्वाब बन कर रह गए मंजिल ओ उसके रास्ते। पर इन्हीं ख्वाबों में मीठी आहटे कुछ भी नहीं।। कैसे अमन की आहटौ की आहटेंले लेते हम ऐसे अपनी हसरतों से रूबरू मैं हो गया। भीड़ में दुनियां मैं कुछ इस तरह से खोगाया।। दुश्मनों को अपना समझा ये मुझे क्या होगया। अब करे तो क्या करे दिल होना था वो हो गया।। अब सुकू मिलता है तब जब थोड़ी सी पी लेते हम।। काश दिल टूटा न होता जिंदगी जी लेते हम। काश दिल टूटा न होता........ आशुतोष अमान ©Aashutosh Aman. #Moon मेरी कहानी#