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एक बेटी की जिंदगी में पिता की एहमियत सायद ही कोई स

एक बेटी की जिंदगी में पिता की एहमियत सायद ही कोई समझेगा 
मुझे जब भी पापा की याद् आती है तो उनकी आवाज सुनाई पड़ती है 
मेरा नाम लेना और बोलना की क्या हुवा में हूं तेरे साथ ये आवाज गूंजती है
क्यों भगवान ने ये प्रथा बनाई की लोग लड़कियों को ही विदाई देते है
काश की एक रोज लड़के को भी विदाई मिलने का कोई नियम बनता
सायद तब कोई ये बात समझता की अपने माँ बाप से दूर रहना कैशा होता है 
कितना बुरा है न की जिसने जन्म दिया उससे मिलना है या नही पूछना पड़ता है

©Lalita patni kothari # पापा की लाडली जब दूर चली गयी
एक बेटी की जिंदगी में पिता की एहमियत सायद ही कोई समझेगा 
मुझे जब भी पापा की याद् आती है तो उनकी आवाज सुनाई पड़ती है 
मेरा नाम लेना और बोलना की क्या हुवा में हूं तेरे साथ ये आवाज गूंजती है
क्यों भगवान ने ये प्रथा बनाई की लोग लड़कियों को ही विदाई देते है
काश की एक रोज लड़के को भी विदाई मिलने का कोई नियम बनता
सायद तब कोई ये बात समझता की अपने माँ बाप से दूर रहना कैशा होता है 
कितना बुरा है न की जिसने जन्म दिया उससे मिलना है या नही पूछना पड़ता है

©Lalita patni kothari # पापा की लाडली जब दूर चली गयी