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ब्लैक बोर्ड.. चाक और शिक्षक शब्द रहस्य से हैं भरे,

ब्लैक बोर्ड.. चाक और शिक्षक
शब्द रहस्य से हैं भरे,
ज्ञान की बाते हैं करते,
शिक्षक के दिल से निकलते,
रहस्य की गांठ खोल चलते,
शब्दों के अर्थ समझ कर,
हम सब उन्हें उपयोग में लाते,
अर्थों के मध्य से हम सब,
परीक्षा का भंवर पर कर पाते,
भंवर के उस पार जो जीवन है,
उस जीवन के संघर्ष में हम सब,
सब कठिनाइयों को हराते
शिक्षक को नमन है 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
 मेरे जीवन के बेस्ट टीचर को समर्पित
*मेरे नाना जी*
कठिनाइयों से भरे जीवन को कैसे सहजता से जीना  चाहिए, इससे बड़ा सबक और क्या हो सकता है?
नाना जी 1947 में बटवारे के बाद पाकिस्तान से आए और अपने परिवार के लिए जो संघर्ष उन्होंने किया, वो अपने आप में एक सबक हैं।
बहुत व्यवहारिक थे, ज्ञान की कमी नहीं, kLSehgal के die हार्ड fan,
मैंने जब थोड़ा बहुत लिखना शुरू किया तो पहला थप्पड़ नाना जी ने जड़ा था,
पढ़ाई में औसत सा था, सच बोलूं मन भी नहीं लगता था, चार भाई बहनों में बड़ा हूं तो मेरा ये बड़ा होना एक अभिशाप
ब्लैक बोर्ड.. चाक और शिक्षक
शब्द रहस्य से हैं भरे,
ज्ञान की बाते हैं करते,
शिक्षक के दिल से निकलते,
रहस्य की गांठ खोल चलते,
शब्दों के अर्थ समझ कर,
हम सब उन्हें उपयोग में लाते,
अर्थों के मध्य से हम सब,
परीक्षा का भंवर पर कर पाते,
भंवर के उस पार जो जीवन है,
उस जीवन के संघर्ष में हम सब,
सब कठिनाइयों को हराते
शिक्षक को नमन है 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
 मेरे जीवन के बेस्ट टीचर को समर्पित
*मेरे नाना जी*
कठिनाइयों से भरे जीवन को कैसे सहजता से जीना  चाहिए, इससे बड़ा सबक और क्या हो सकता है?
नाना जी 1947 में बटवारे के बाद पाकिस्तान से आए और अपने परिवार के लिए जो संघर्ष उन्होंने किया, वो अपने आप में एक सबक हैं।
बहुत व्यवहारिक थे, ज्ञान की कमी नहीं, kLSehgal के die हार्ड fan,
मैंने जब थोड़ा बहुत लिखना शुरू किया तो पहला थप्पड़ नाना जी ने जड़ा था,
पढ़ाई में औसत सा था, सच बोलूं मन भी नहीं लगता था, चार भाई बहनों में बड़ा हूं तो मेरा ये बड़ा होना एक अभिशाप

मेरे जीवन के बेस्ट टीचर को समर्पित *मेरे नाना जी* कठिनाइयों से भरे जीवन को कैसे सहजता से जीना चाहिए, इससे बड़ा सबक और क्या हो सकता है? नाना जी 1947 में बटवारे के बाद पाकिस्तान से आए और अपने परिवार के लिए जो संघर्ष उन्होंने किया, वो अपने आप में एक सबक हैं। बहुत व्यवहारिक थे, ज्ञान की कमी नहीं, kLSehgal के die हार्ड fan, मैंने जब थोड़ा बहुत लिखना शुरू किया तो पहला थप्पड़ नाना जी ने जड़ा था, पढ़ाई में औसत सा था, सच बोलूं मन भी नहीं लगता था, चार भाई बहनों में बड़ा हूं तो मेरा ये बड़ा होना एक अभिशाप #yqdidi #yqquotes #yqteachersdayspecial