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अति सर्वत्र वर्जयेत्,,, अति का अंत सुनिश्चित होता

अति सर्वत्र वर्जयेत्,,,

अति का अंत सुनिश्चित होता है। 

अति इंसान को शैतान बना देती है। 

अति आपके विघटन का सशक्त स्वरूप है। अति
अति सर्वत्र वर्जयेत्,,,

अति का अंत सुनिश्चित होता है। 

अति इंसान को शैतान बना देती है। 

अति आपके विघटन का सशक्त स्वरूप है। अति
sabirkhan6909

Sabir Khan

New Creator