दिल-ए-रिहाई जिनन्त-ए-ज़िन्दगी चल रही हैं ख्वाब-ए-ख्यालात तस्व्वुर-ए-सख्श छलावे सा हैं तकलुफ ये है ये की बेवजह ही सासे चल रही हैं दिल-ए-रिहाई:-दिल से निकाल देना जिनन्त-ए-ज़िन्दगी:-अपमानजनक ज़िन्दगी ख्वाब-ए-ख्यालात:खयाली सोच,सपने तस्व्वुर-ए-सख्श:-देखने की चाहत किसी एक शख्स को छलावे:-जो हो नहीं सकता/झुठ सा तकलुफ:-परेशानी #love #pain #life #लफ्ज़_कुछ_उनसे_जुड़े