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ना जाने कोन सा वक्त था वो कोन सा मंजर था जब तुम कह

ना जाने कोन सा वक्त था वो कोन सा मंजर था
जब तुम कहा केरते थे की एक पल भी गुराजा मुश्किल है तुम्हारे बिना
 अब तो यहा महीने गुजर जाते है और तुम्हे हमारा ख्याल भी नहीं
 आता
 सच ही कहते है लोग की कोई किसी की जिंदगी में हमेशा के लिए खास नही रह सकता
शायद मेरा समय यही तक था तुम्हारी जिंदगी में

©Riya Garewal
  ##एहिमायत