यूँ न आया कर सामने, इस दिल की धड़कन तेज हो जाती है छुपा रखी है जो मुहब्बत, वो मुहब्बत लवरेज हो जाती है डर लगता है कि फिर न बहक जाऊँ तेरी मुहब्बत में क्योंकि पिछली वाली तेरी मुहब्बत की चोट अभी भी ताजी है।। ©आकाश भिलावली वाला यूँ न आया कर सामने # सामने न आया कर