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"वजूद" हे सांवरे सारी दुनिया के दिल के दरवाजे मे

"वजूद"

हे सांवरे
सारी दुनिया के 
दिल के दरवाजे में 
झांक कर देख लिया,
बस एक तेरा ही वजूद 
नजर आया मेरे दिल के शहर में।

हर एक शख्स 
मुझे गिरा कर चला गया,
लेकिन तुम्हारे वजूद के कारण 
फिर से में गिरकर खड़ा हुआ हूं।।

लोगों ने हर बार
तुम्हारे और मेरे वजूद पर 
सवाल किए,
लेकिन मेरे धैर्य ने उनके 
सवालों के वजूद को ही
ध्वस्त कर दिया।

मेरे दिल में तुम्हारे वजूद के 
लाखों साल बाद भी,
मेरे दिल के शहर में 
आज भी उजाला है 
और मंगल 
गीतों की धुनो से जगमगा रहा है।

लोग तुम्हारे वजूद को ढूंढते ढूंढते 
प्राण त्याग कर चले गए,
लेकिन मैंने तो तुम्हारे वजूद में ही 
अपनी जिंदगी बसाई है।
©राहुल शर्मा #Krishnapoem
"वजूद"

हे सांवरे
सारी दुनिया के 
दिल के दरवाजे में 
झांक कर देख लिया,
बस एक तेरा ही वजूद 
नजर आया मेरे दिल के शहर में।

हर एक शख्स 
मुझे गिरा कर चला गया,
लेकिन तुम्हारे वजूद के कारण 
फिर से में गिरकर खड़ा हुआ हूं।।

लोगों ने हर बार
तुम्हारे और मेरे वजूद पर 
सवाल किए,
लेकिन मेरे धैर्य ने उनके 
सवालों के वजूद को ही
ध्वस्त कर दिया।

मेरे दिल में तुम्हारे वजूद के 
लाखों साल बाद भी,
मेरे दिल के शहर में 
आज भी उजाला है 
और मंगल 
गीतों की धुनो से जगमगा रहा है।

लोग तुम्हारे वजूद को ढूंढते ढूंढते 
प्राण त्याग कर चले गए,
लेकिन मैंने तो तुम्हारे वजूद में ही 
अपनी जिंदगी बसाई है।
©राहुल शर्मा #Krishnapoem