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हर बात पर आकुल-व्याकुल मन बे-सिर-पैर का नित करता च

हर बात पर आकुल-व्याकुल मन
बे-सिर-पैर का नित करता चिंतन
हर श्वास में जीता-मरता नित
यही विधा है इसकी पुरातन

©Reema K Arora #outofsight #mymusings
हर बात पर आकुल-व्याकुल मन
बे-सिर-पैर का नित करता चिंतन
हर श्वास में जीता-मरता नित
यही विधा है इसकी पुरातन

©Reema K Arora #outofsight #mymusings