सख्त हो चुका हूं चोट खाकर अब पाषाण बन जाने दो बदहाल तो पहले भी थी जिंदगी अब हद से बद्तर बन जाने दो आंसुओ से हर याद धूल चुकी है अश्कों का हिसाब मत मांगो अब बस समंदर बन बह जाने दो खामोशियों का शोर कहेगें किस्से बस अल्फ़ाज़ बन जाने दो तुफां उठ रहे है जहन में कब से अब बस इन फिजाओं को बवंडर बन जाने दो रो -रो के बुनियाद पिघल चुकी है अब बस इस दहकती लावा को ज्वालामुखी बन जाने दो सख्त हो चुका हूं चोट खाकर अब पाषाण बन जाने दो । #सख्त हो चुका हूं चोट खाकर अब पाषाण बन जाने दो #मेरीक़लमसे #मेरेएहसास #मेरेहमसफ़र #kunu #motivationalquotes #yqhindi #yqbaba