Feeling ***प्रार्थना *** कलम, कापी हो परम हथियार, हे माँ भारती ऐसा इल्म का प्रसार करो। रहे मस्तक गर्व से ऊंचा सदा तेरी ऐसा हम पर एक कृपा करो।। भाईचारा और प्रेम भाव का हर पल हम पर वर्षा करो । विनाश हो कुविचार मन का ऐसा ज्ञान दीप का प्रभा करो।। आए अमन फिर से इस घाटी में एक नया स्वर्ग का विस्तार करो।। कलम, कापी हो परम हथियार, हे माँ भारती ऐसा इल्म का प्रसार करो।। गले का फंदा था बना हमारा, 370 और 35 ए का धारा । जिहाद और लुटेरों से भरा परा था हमारी ये स्वर्ग की पावन धरा।। फन लगाए बरसों से बैठा था देश द्रोहियों का एक विचार धारा।। तपिश और असहनीय दर्द को झेल रहा था बरसों से तेरी माटी के ही संतान सारा।। विमुक्त हुए हैं हम अभी अभी ही बस फिर से अमन चैन का विस्तार करो।। कलम, कापी हो परम हथियार, हे माँ भारती ऐसा इल्म का प्रसार करो।। ***प्रार्थना *** कलम, कापी हो परम हथियार, हे माँ भारती ऐसा इल्म का प्रसार करो। रहे मस्तक गर्व से ऊंचा सदा तेरी ऐसा हम पर एक कृपा करो।। भाईचारा और प्रेम भाव का हर पल हम पर वर्षा करो । विनाश हो कुविचार मन का