मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नहीं, वो मुझे चाहे या मिल जाये ज़रूरी तो नहीं , यह कुछ कम है क्या बसा है मेरी साँसों में वो , सामने हो आँखों के ज़रूरी तो नहीं