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#ग़ज़ल मेरे होने न होने का उसे अब गम नही ह

#ग़ज़ल
मेरे  होने  न  होने  का  उसे   अब  गम  नही  होगा।
कभी   मेरे   लिए   उसका  दुपट्टा  नम  नही  होगा।

वो  चाहे  लाख  कर लेगी दिखावा पर मेरी खातिर,
ये उसके आँख का पानी कभी जमजम नही होगा।

पिघलना  था मुझे  जितना  पिघलकर  देख ली मैंने,
बदलकर दिल मेरा शोला से अब शबनम नही होगा।

वो  मेरी  जान  भी  ले ले, या अपनी  जान भी दे दे,
मगर उसके औ' मेरे दिल का अब संगम नही होगा।

मिटाने  को  मिटा  सकता  हूँ जख्मों के निशां सारे,
मगर  जो दर्द है दिल मे तनिक  भी कम नही होगा।

सुनो  ऐ  दोस्तो  उसके  बिना अविनाश  के दिल मे,
कभी भी खुशियो का कोई नया आलम नही होगा।

रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेंठिया
(देवरिया) +919135481448 #NojotoQuote #Awinash singh amethia
#ग़ज़ल
मेरे  होने  न  होने  का  उसे   अब  गम  नही  होगा।
कभी   मेरे   लिए   उसका  दुपट्टा  नम  नही  होगा।

वो  चाहे  लाख  कर लेगी दिखावा पर मेरी खातिर,
ये उसके आँख का पानी कभी जमजम नही होगा।

पिघलना  था मुझे  जितना  पिघलकर  देख ली मैंने,
बदलकर दिल मेरा शोला से अब शबनम नही होगा।

वो  मेरी  जान  भी  ले ले, या अपनी  जान भी दे दे,
मगर उसके औ' मेरे दिल का अब संगम नही होगा।

मिटाने  को  मिटा  सकता  हूँ जख्मों के निशां सारे,
मगर  जो दर्द है दिल मे तनिक  भी कम नही होगा।

सुनो  ऐ  दोस्तो  उसके  बिना अविनाश  के दिल मे,
कभी भी खुशियो का कोई नया आलम नही होगा।

रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेंठिया
(देवरिया) +919135481448 #NojotoQuote #Awinash singh amethia