बहुत ख़ामोश रहता हूँ, मैं तुम से कुछ नहीं कहता, मैं तुमको चाहता भी हूँ, मैं तुम से कुछ नहीं कहता। कज़ा का शौक़ का था मेरी, तो फिर ये इश्क़ क्यूँ खेला, जो कह देते, नहीं मेरे, मैं तुम से कुछ नहीं कहता। मेरी चाहत थी कि मैं भी फ़लक से चाँद को छूँ लूँ, मेरे हिस्से में शब आती, मैं तुम से कुछ नहीं कहता। हम तो दिलफेंक थे, तुमने हमारा दिल ही क्यूँ रक्खा, हमें कह देते आवारा, मैं तुम से कुछ नहीं कहता। सफ़र में मील के पत्थर को हम मन्ज़िल समझ बैठे, कोई ठोकर लगा देते, मैं तुम से कुछ नहीं कहता। बहुत शिक़वे-गिले है पर ये लब ख़ामोश हो जाते, जो तुम यूं हँस के मिलती हो, मैं तुम से कुछ नहीं कहता। मैं तुम से कुछ नहीं कहता। फ़लक : आसमान कज़ा : मौत #yqbaba #yqdidi #yqhindiurdu #yqbhaijan #nazm #silence #untoldstory #love