आँखों को चुबती हैं खवाबो की तासीर मुक़म्मल ख्वाब कोई तोहमत तो नहीं... दीवारों को तकती नजर का मेल मुक्तसर जिंदगी कोई जेल तो नहीं... खुद की तर्ज़ पर कर शामिल मेरी तन्हाई में कोई मिलावट तो नहीं... सुनी गलियां और वीरान सहर रूठा इश्क़ का कोई मजार तो नहीं... ©arunendra #SuperBloodMoon#रूठा इश्क़#nojoto