Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम्हें अकेले चलना है मन ! भरा,भाव से पंथ तुम्हार

तुम्हें अकेले चलना है मन !

भरा,भाव से पंथ तुम्हारा
तर्कशील है यह जग सारा
किसकी राह चले जाओगे
जब घेरेगा एकाकीपन ?

तुम्हें अकेले चलना है मन !

सच है, सारे नाते झूठे
जग के बंधन टूटे-टूटे
गहरा हर्ष-विषाद तुम्हारा
समझेगा जग निर्मम ?

तुम्हें अकेले चलना है मन !

                         ©अनुपमा विन्ध्यवासिनी #writingsofanupma #nojoto #hindikavita #poetry #hindipoetry
तुम्हें अकेले चलना है मन !

भरा,भाव से पंथ तुम्हारा
तर्कशील है यह जग सारा
किसकी राह चले जाओगे
जब घेरेगा एकाकीपन ?

तुम्हें अकेले चलना है मन !

सच है, सारे नाते झूठे
जग के बंधन टूटे-टूटे
गहरा हर्ष-विषाद तुम्हारा
समझेगा जग निर्मम ?

तुम्हें अकेले चलना है मन !

                         ©अनुपमा विन्ध्यवासिनी #writingsofanupma #nojoto #hindikavita #poetry #hindipoetry