मेरे लब्ज वाखिब हे दिल में क्या छुपा है ... ! पन्नो की जमीं हे कलम तले बया हुआ वही मेरे पास है नसीब का नही नासिर मेरी खास हे ... ! ©G0V!ND DHAkAD #Gulzarsaheb