अनजान रास्ते पर अकेले मैं चला ढूंँढने अपनी मंजिल जिसका नहीं है पता ये सफ़र कैसा और कितना है कठिन और बड़ा किसी भी सूरत में हार नहीं मनाना दिल में हमने है ठाना रोके मुझे मंज़िल तक पहुंचने के लिए चाहें ये सारा ज़माना फिर भी चलता रहूंँगा इन अनजान रास्तों पर जब तक मिल नहीं जाता मेरी मंज़िल और सफलता देखता रह जायेगा ये सारा ज़माना ♥️ Challenge-756 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।