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वाह रे जमाने, तेरी हद हो रही। बेटियां भी पन्नों की

वाह रे जमाने, तेरी हद हो रही।
बेटियां भी पन्नों की तरह, अब रद हो रही।।

क्या लिखूं मैं,कलम की स्याही भी अब साथ नहीं दे रही।
आखिर कबतक लिखूं मैं इन बेटियों की दास्तां,रुक रुक कर कह रही।।

थी जो समाज की देवियां, तुम्हारी नियत उन्हें शर्मसार कर रही।
निकले जिस कोख से, हरकत  तुम्हारी उसी को बदनाम कर रही।।

मर्दानगी दिखाने की हमेशा से ये फितरत तुम्हारी, छोटी बच्चियों को भी नहीं बख्स रही।
भ्रूण हत्या ही है इस तड़प से बेहतर, आबरू उनकी बार बार यही कह रही।।
 
भेड़िया बनना ही है,तो शेरनी तुम्हारा जंगल में इंतजार कर रही।
क्यों कुचलते ही इन कलियों को,तुम्हारे बागों में भी तो कलियां पनप रही।।

सामाजिक भेदों को लेकर ,सबकी आवाजें बुलंद हो रही।
इंसाफ चाहिए बेटियों के लिए,हर तरफ यही गुहार कर रही।।

अरे बहुत हुआ इंसाफ,अब तो बेटियां भी ज्वाला बन रही।
इंतजार करो बस उस पल का,अभी तो उनमें ज्वलन भर रही।।

वाह रेे जमाने, तेरी हद हो रही।
बेटियां भी पन्नों की तरह ,अब रद हो रही।।
 
Kumari Mini__

©Mini Kumari Giri #This is not the show of any of my skill...just a slap for our society...I dont believe that we live in a country where girls were considered to be goddesses...but this is only for the sake of saying...And plz...stop demanding justice guys for us...if u really want justice...Do it...(Neglect my mistakes)
      #For those coz of which entire male race is maligned...

#standAlone
वाह रे जमाने, तेरी हद हो रही।
बेटियां भी पन्नों की तरह, अब रद हो रही।।

क्या लिखूं मैं,कलम की स्याही भी अब साथ नहीं दे रही।
आखिर कबतक लिखूं मैं इन बेटियों की दास्तां,रुक रुक कर कह रही।।

थी जो समाज की देवियां, तुम्हारी नियत उन्हें शर्मसार कर रही।
निकले जिस कोख से, हरकत  तुम्हारी उसी को बदनाम कर रही।।

मर्दानगी दिखाने की हमेशा से ये फितरत तुम्हारी, छोटी बच्चियों को भी नहीं बख्स रही।
भ्रूण हत्या ही है इस तड़प से बेहतर, आबरू उनकी बार बार यही कह रही।।
 
भेड़िया बनना ही है,तो शेरनी तुम्हारा जंगल में इंतजार कर रही।
क्यों कुचलते ही इन कलियों को,तुम्हारे बागों में भी तो कलियां पनप रही।।

सामाजिक भेदों को लेकर ,सबकी आवाजें बुलंद हो रही।
इंसाफ चाहिए बेटियों के लिए,हर तरफ यही गुहार कर रही।।

अरे बहुत हुआ इंसाफ,अब तो बेटियां भी ज्वाला बन रही।
इंतजार करो बस उस पल का,अभी तो उनमें ज्वलन भर रही।।

वाह रेे जमाने, तेरी हद हो रही।
बेटियां भी पन्नों की तरह ,अब रद हो रही।।
 
Kumari Mini__

©Mini Kumari Giri #This is not the show of any of my skill...just a slap for our society...I dont believe that we live in a country where girls were considered to be goddesses...but this is only for the sake of saying...And plz...stop demanding justice guys for us...if u really want justice...Do it...(Neglect my mistakes)
      #For those coz of which entire male race is maligned...

#standAlone