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इस अंतर में बैठा लेखक कुछ भाव लिखता है, तीखी धूप क

इस अंतर में बैठा लेखक कुछ भाव लिखता है,
तीखी धूप को हरदम ठंडी छाँव लिखता है। 

शूल भरे पथ पर चलकर हर जख्म सहता है,
शब्दों में वो मलमल का अनुभाव लिखता है।

क्रमश... आगे caption में पढ़ें

©Divya Joshi
  झूठा लेखक

इस अंतर में बैठा लेखक कुछ भाव लिखता है,
तीखी धूप को हरदम ठंडी छाँव लिखता है। 

शूल भरे पथ पर चलकर हर जख्म सह,
शब्दों में वो मलमल का अनुभाव लिखता है।
divyajoshi8623

Divya Joshi

Silver Star
Growing Creator

झूठा लेखक इस अंतर में बैठा लेखक कुछ भाव लिखता है, तीखी धूप को हरदम ठंडी छाँव लिखता है। शूल भरे पथ पर चलकर हर जख्म सह, शब्दों में वो मलमल का अनुभाव लिखता है। #ज़िन्दगी #Feel_the_words #lekhaniblog #lekhniblogdj

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