द्रवित वेग से कन्हैया ने मटकी माखन भर देखा था। मुख पर मनमोहनी छटा बिखेर चाखनकर फेंका था।। # हरि हर,,,,,,, #सुप्रभात #YourQuoteAndMine Collaborating with Kamlesh Sharma