देवों के महादेव अनादि अदिपती उत्तपति इस्तिति संहार कर्ता त्रिलोकी स्वामी संसार ऱचयिता जगतपिता बैराग्य रूद्र भैरव पशुपति नाथ रूप सृष्टि स्त्रोत्र ज्योतिष शास्त्र, लय प्रलय के स्वामी स्वरूप प्रकीर्ति सामंजस बनाये गौरी शंकर परिवार जटा गंगधार सिर चंन्द्रमा सोहे, कंठ में विष सर्पो की गल माल, अमिर्तव्य व विष समेठे, हाथ में डमरू धुन नाचे दूजे त्रिशूल विकराल, पुरुष अर्धनारीश्वर एक गृहस्थ श्मशानवासी, वीतरागी वैरागी, सौम्य रुद्र रूप भूत-प्रेत, नंदी सिंह सवार, मयूर मूषक सभी समभाव! स्वयं द्वंद्वों से रहित सह-अस्तित्व समाये महान विचार परिचायक, सृष्टि संचालक मेरे महादेव महाकाल ! 🙏ॐ नमः शिवाय🙏 (M S Singh...✍️) ©Mahadev Son महादेव के स्वरूप विवरण