Nojoto: Largest Storytelling Platform

कंधे पर बिठा कर मेला दिखाया, तुमने घूम ना जाऊं इस

कंधे पर बिठा कर मेला दिखाया, तुमने 
घूम ना जाऊं इस भीड़ में ,शीर पर बिठाया, तुमने 
हर पल साथ न हो कर भी,
दुनिया से कंधे से कंधा मिला कर चलना सिखाया, तुमने 
माना कभी खैरियत न पूछी ,मां की तरह मेरी 
पर सब सह कर इस दुनिया के काबिल बनाया,तुमने 
बस एक शिकायत आज भी है तुमसे,
आज तक मां की तरह गले ना लगाया, तुमने
बड़ी आसानी से समझ लेते थे हाल-ए-दिल का मेरे ,
मेरी हर जिद्द को हकीकत बनाया तुमने

©Himanshu Bariya(im0 chhoti soch) कंधे पर बिठा कर मेला दिखाया, तुमने 
घूम ना जाऊं इस भीड़ में ,शीर पर बिठाया, तुमने 
हर पल साथ न हो कर भी,
दुनिया से कंधे से कंधा मिला कर चलना सिखाया, तुमने 
माना कभी खैरियत न पूछी ,मां की तरह मेरी 
पर सब सह कर इस दुनिया के काबिल बनाया,तुमने 
बस एक शिकायत आज भी है तुमसे,
आज तक मां की तरह गले ना लगाया, तुमने
कंधे पर बिठा कर मेला दिखाया, तुमने 
घूम ना जाऊं इस भीड़ में ,शीर पर बिठाया, तुमने 
हर पल साथ न हो कर भी,
दुनिया से कंधे से कंधा मिला कर चलना सिखाया, तुमने 
माना कभी खैरियत न पूछी ,मां की तरह मेरी 
पर सब सह कर इस दुनिया के काबिल बनाया,तुमने 
बस एक शिकायत आज भी है तुमसे,
आज तक मां की तरह गले ना लगाया, तुमने
बड़ी आसानी से समझ लेते थे हाल-ए-दिल का मेरे ,
मेरी हर जिद्द को हकीकत बनाया तुमने

©Himanshu Bariya(im0 chhoti soch) कंधे पर बिठा कर मेला दिखाया, तुमने 
घूम ना जाऊं इस भीड़ में ,शीर पर बिठाया, तुमने 
हर पल साथ न हो कर भी,
दुनिया से कंधे से कंधा मिला कर चलना सिखाया, तुमने 
माना कभी खैरियत न पूछी ,मां की तरह मेरी 
पर सब सह कर इस दुनिया के काबिल बनाया,तुमने 
बस एक शिकायत आज भी है तुमसे,
आज तक मां की तरह गले ना लगाया, तुमने

कंधे पर बिठा कर मेला दिखाया, तुमने घूम ना जाऊं इस भीड़ में ,शीर पर बिठाया, तुमने हर पल साथ न हो कर भी, दुनिया से कंधे से कंधा मिला कर चलना सिखाया, तुमने माना कभी खैरियत न पूछी ,मां की तरह मेरी पर सब सह कर इस दुनिया के काबिल बनाया,तुमने बस एक शिकायत आज भी है तुमसे, आज तक मां की तरह गले ना लगाया, तुमने #FathersDay #कविता