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दरमियाँ एक अजीब-सी कशमकश में है ज़िंदगी, खुश होक

दरमियाँ 

एक अजीब-सी कशमकश में है ज़िंदगी, 
खुश होकर भी खुशी मेहसूस  नहीं होती ...
हर पल कुछ कमी- सी रहती है ...

ज़िंदगी आगे बढ़ रही है मगर,
कुछ या बहुत कुछ पीछे छूट रहा है....

कभी कुछ बीती बातें,  मुलाक़ातें, साथ गुज़ारे लम्हें याद आते हैं,
जो ना जाने क्यूं एक अजीब सी बेचैनी दे जाते हैं ....

मन कहता है...
थम-सा जाए ये पल, ये वक़्त, ये  समाँ, 
ये उलझनें, ये बेचैनियां....

साथ हो तो बस....हम-तुम 
ना हो कोई  तीसरा- दरमियाँ 🫂

©Anuja gupta
  #missingyou