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हां, रात सिरहाने, मैं इस बार सच-सा लगते मगर, उसक

हां, 
रात सिरहाने, मैं इस बार 
सच-सा लगते मगर, उसको ही झूठी बनाते
उनींदें ख्वाब उस औरत के -
उसकी उदास नजरों में ही /छोड़
आहिस्ता चल पड़ा...



हां, कल रात ही तो
'कभी न होनेवाली सुबह ' का वादा
उस औरत की हथेली में  
चुपके से छोड़ /बस...
मैं चल पड़ा!

#उस_औरत_की_हथेली_में
@manas_pratyay

©river_of_thoughts #उस_औरत_की_हथेली_में © Ratan Kumar
हां, 
रात सिरहाने, मैं इस बार 
सच-सा लगते मगर, उसको ही झूठी बनाते
उनींदें ख्वाब उस औरत के -
उसकी उदास नजरों में ही /छोड़
आहिस्ता चल पड़ा...



हां, कल रात ही तो
'कभी न होनेवाली सुबह ' का वादा
उस औरत की हथेली में  
चुपके से छोड़ /बस...
मैं चल पड़ा!

#उस_औरत_की_हथेली_में
@manas_pratyay

©river_of_thoughts #उस_औरत_की_हथेली_में © Ratan Kumar