हां, रात सिरहाने, मैं इस बार सच-सा लगते मगर, उसको ही झूठी बनाते उनींदें ख्वाब उस औरत के - उसकी उदास नजरों में ही /छोड़ आहिस्ता चल पड़ा... हां, कल रात ही तो 'कभी न होनेवाली सुबह ' का वादा उस औरत की हथेली में चुपके से छोड़ /बस... मैं चल पड़ा! #उस_औरत_की_हथेली_में @manas_pratyay ©river_of_thoughts #उस_औरत_की_हथेली_में © Ratan Kumar