गिरती रही,संभलती रही,संभाला सबको फिर भी, मैं ही बिखरती रही जब जब किसी ने तकलीफ दी,मैं हालातों से निकल कर और निखरती रही, नारी हूँ,डरी नहीं हालातों से,हर मुश्किल से लड़ती रही कहीं रिश्तों में मुझे गाली मिली,कहीं मेरे व्यवहार पर ताली मिली कहीं मिला प्यार बहुत, कहीं धिक्कार और मुझसे ही जन्में,अस्तित्वों से मुझे गाली मिली मैं रूकी नहीं,मैं थमी नहीं कड़ी धूप में मुश्किल हालातों में साए के जैसे खुद के साथ खुद ही खड़ी रही नारी हूँ,हर पीड़ा को सहन किया,और अड़ी रही #women #nojoto #nojotohindi #nojotooficial #kalakaksh #kavishala