मै कहती रही, वो चुप रहे। मेरी हर बात को खामोशी से सुनते रहे।। मै रोती रही, वो चुप रहे। मेरी हर सिसकी को महसूस करते रहे।। के यू मेरे हर अंदाज़ पर चुप रहकर वो मुझे खुद के लिए ,खुद लडने का जज्बा देते रहे।। बिन कुछ कहे यूं वो। औरो के सवालों के जवाब देते रहे।। मेरे हर कदम पर चुप ही सही पर मेरे साथ चलते रहे।। चाहत,, जज्बा