दिल के जज्बातों को वो होंठों पर सजाकर तो लाती है, मगर मुझसे कुछ नही कहती, उसकी आँखें मुझे हर पल ढूँढती है, मगर मुझसे कुछ नही कहती, अचानक से आकर मेरा हाथ थाम लेती है, मगर मुझसे कुछ नही कहती, मेरी फिक्र है उसे मुझे खिलखिलाता देखना चाहती है, मगर मुझसे कुछ नही कहती, ये कैसी मोहब्बत है उसकी,उसे पता है मैं सुनना चाहता हूँ उसे, मगर मुझसे कुछ नही कहती, इंतज़ार है मुझे उसके अधरों से निकले लफ़्ज़ों को सुनने का, देखते हैं कब तक वो मुझसे कुछ नही कहती! अभी about my love