सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।। 🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍 सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।। ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:। ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।। 🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍🐍 अर्थात् - संपूर्ण आकाश, पृथ्वी, स्वर्ग, सरोवर-तालाबों, नल-कूप, सूर्य किरणें आदि जहां-जहां भी नाग देवता विराजमान है। वे सभी हमारे दुखों को दूर करके हमें सुख-शांतिपूर्वक जीवन दें। उन सभी को हमारी और से बारम्बार प्रणाम हो।