कासे कहूं.... कासे कहूं अपनी बतीयां कासे कहूं... झूठे लोग, झूठी दुनियां कासे कहूं.. जीत देखूं तू ही तू है,जब भी करूं बातीयां रब की... कासे कहूं.. सारा जग है एक तमाशा,फिर भी करूं बतीयां जग की... कासे कहूं.. गुम हो गए दुनियां की भीड़ में, ढूंढता फिरुं खुद को... कासे कहूं.. जब भी आए याद तू मुझको, नैनन बहे अंसूवा दिस भर... कासे कहूं.. नवीन ' कबीर ' ©Naveen Kr कासे कहूं... #Life