क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का, किसी काम से आये थे और किसी काम के ना रहे...🍂 ©Mohit Kumar Goyal क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का, किसी काम से आये थे और किसी काम के ना रहे...🍂