.. ख़ुद मान जाऊं के न मनायेगा कोई, मिलूं मुस्कुराऊं, पुछूं, बताऊं, बहलाऊं, मिली सांसों सी हूं सो गिनती में न आऊं..! .. 🌿खुशामदिद..💞 १० नवमबर २०१६ में लिखा।