सब हूँ म'गर मुझ सा नहीं हूँ मैं नाम हूँ आवाज़ हूँ चेहरा नहीं हूँ मैं जिधर जाता मातम साथ ले जाता शा'इर ठीक इंशा अच्छा नहीं हूँ मैं पूरी ग़ज़ल पढ़े अनुशीर्षक में 👇 सब हूँ म'गर मुझ सा नहीं हूँ मैं नाम हूँ आवाज़ हूँ चेहरा नहीं हूँ मैं जिधर जाता मातम साथ ले जाता शा'इर ठीक इंशा अच्छा नहीं हूँ मैं किसी के इंतजार में खो गया बस आँख खुली है मेरी सोया नहीं हूँ मैं