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तुम खूबसूरत हो, तुम क्यों सोचती हो? तुम क्यों उदास

तुम खूबसूरत हो, तुम क्यों सोचती हो?
तुम क्यों उदास हो?
तुम्हारी खुबसूरती तुम्हारे अंदर है।
खुबसूरती चेहरे में नहीं, 
देखने वाले के दृष्टि के दृष्टिकोण में होती हैं।।
तुम्हारे अंदर की शांति, तुम्हारी बाहरी सज्जा है।।
तुम प्रकृति हों, तुममें प्रकृति है।
तुम प्रकृति में हो, प्रकृति से खुबसूरत क्या है?
कुछ नहीं!
तुम असीम सुंदरी हो, तुम ख़ुद को देखो तो सही।।

©Shweta Mairav #Nature 

#youarebeautiful 
#mairav 
#mairavmusic
#mansundar
तुम खूबसूरत हो, तुम क्यों सोचती हो?
तुम क्यों उदास हो?
तुम्हारी खुबसूरती तुम्हारे अंदर है।
खुबसूरती चेहरे में नहीं, 
देखने वाले के दृष्टि के दृष्टिकोण में होती हैं।।
तुम्हारे अंदर की शांति, तुम्हारी बाहरी सज्जा है।।
तुम प्रकृति हों, तुममें प्रकृति है।
तुम प्रकृति में हो, प्रकृति से खुबसूरत क्या है?
कुछ नहीं!
तुम असीम सुंदरी हो, तुम ख़ुद को देखो तो सही।।

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