आओ प्रिय झूला झूलें नयनों की चंचल चितवन बांहों में तेरी बीते सारा जीवन मधुर स्वप्न में विचरण करता मन मयूर सा है नृत्य करता दिवा स्वप्न सा अनुभव होता रस माधुर्य चहूंओर बिखरता मिलकर आओ गगन को चूमे आओ प्रिय झूला झूलें #कृष्णार्थ ©KRISHNARTH #झूला #चितवन #withyou