"इश्क़-ए-मजाज़ी में ग़फ़लत ग़लत बात है तो इश्क़-ए-हक़ीक़ी में ग़फ़लत गुनाह है । इन दोनों में ही अपने महबूब से ग़ाफ़िल रहना, अपने महबूब को भूल जाना मना है।" इंसान जिसके साथ राब्ते में रहता है फ़िर उसे कभी नहीं भूलता फ़िर वो चाहे कोई इंसान हो या फ़िर उसका अपना ख़ालिक़, उसका रब हो । और किसी को हर वक़्त ज़ेहन में रखने का ज़रिया ही उस से राब्तों का सिलसिला बनाए रखना है। #bas yunhi ....... ©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi #ishq_e_majaazi #ishq_e_haqiiqii #zehan #rabten #silsile #nojotohindi #Quotes #15jan