कभी लगे तू नन्हा बालक कभी लगे जग का पालक कभी लगे ब्रज का ग्वाला कभी लगे नन्द का लाला कभी लगे गोपियन का कान्हा तेरे रूप अनेक मुरारी ना कोई तुमसा है त्रिपुरारी हे जग के पालनहारी #माखनचोर