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एक चाहत वो जिसमे इफाजत है, एक चाहत ये जिसमे वहशत ह

एक चाहत वो जिसमे इफाजत है,
एक चाहत ये जिसमे वहशत है।

तुझे उसकी हाँ की कद्र न कोई शर्म, 
ताड़ ताड़ कर दी उसकी इज्जत है।

बिलख रही थी इक मासूम जान,
मर गयी क्या तेरी इंसानियत है।

क्या ऐसा भरा है तेरे ज़हन में, 
तेरी आंखो में पानी की किल्लत है।

समझ बैठा जिसे मर्दानगी बड़ी, 
समाज पर थोपी तूने ज़िल्लत है।

दीमक है जिनकी शक्सियतो पर,
झेले क्यू मासूम ये दहशत है। Stop rape
#againstrape #rapefreeindia #rape_a_shame #respectwomen #respectgirls #rapeinindia
एक चाहत वो जिसमे इफाजत है,
एक चाहत ये जिसमे वहशत है।

तुझे उसकी हाँ की कद्र न कोई शर्म, 
ताड़ ताड़ कर दी उसकी इज्जत है।

बिलख रही थी इक मासूम जान,
मर गयी क्या तेरी इंसानियत है।

क्या ऐसा भरा है तेरे ज़हन में, 
तेरी आंखो में पानी की किल्लत है।

समझ बैठा जिसे मर्दानगी बड़ी, 
समाज पर थोपी तूने ज़िल्लत है।

दीमक है जिनकी शक्सियतो पर,
झेले क्यू मासूम ये दहशत है। Stop rape
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