सह लेंगे जीवन की राह में मिले.... ज़ख्मों को मंज़िल एक ना एक दिन.... हासिल होगी ही हमको ग़मों को कैसे खुशियों में, तब्दील करते हैं हम.... दिखा देंगे हम सबको 🙏पोस्ट को हाईलाइट जरूर करें🙏 सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻 सभी प्रतिभागी अपनी अभिव्यक्ति के लिए पूर्ण स्वतंत्र हैं 💗 पंक्तियों की बाध्यता नहीं है.