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जब मेरा पहला मोहब्बत हुआ नाकाम , सोचा दिल ने फिर न

जब मेरा पहला मोहब्बत हुआ नाकाम ,
सोचा दिल ने फिर ना करूंगा ये काम।
सोचा था अब ना किसी से दिल लगाऊंगा,
ना अब किसी के जुल्फो में उंगली फिराऊंगा।
सोचा था अब ना देखूंगा पलट के किसी को,
सारी जिंदगी याद करूंगा सिर्फ उसी को।
लेकिन जैसा सोचा था वैसा कुछ हुआ नहीं,
कुछ ही दिनों में दूसरी मोहब्बत टकरा गई।
 अभी पहली मुसीबत से दिल संभल ही पाया था,
की दूसरी मोहब्बत का ख्याल इस दिल को आया था।
मन मेरा बहुत घबडा रहा था,
फिर भी उसी के ओर दिल खिचा चला जा रहा था।
आखिर में मै इस दिल से हार ही
 गया
और इस तरह फिर से मुझे प्यार हो गया।
मेरी कलम से # MERA DUSRA PYAR
जब मेरा पहला मोहब्बत हुआ नाकाम ,
सोचा दिल ने फिर ना करूंगा ये काम।
सोचा था अब ना किसी से दिल लगाऊंगा,
ना अब किसी के जुल्फो में उंगली फिराऊंगा।
सोचा था अब ना देखूंगा पलट के किसी को,
सारी जिंदगी याद करूंगा सिर्फ उसी को।
लेकिन जैसा सोचा था वैसा कुछ हुआ नहीं,
कुछ ही दिनों में दूसरी मोहब्बत टकरा गई।
 अभी पहली मुसीबत से दिल संभल ही पाया था,
की दूसरी मोहब्बत का ख्याल इस दिल को आया था।
मन मेरा बहुत घबडा रहा था,
फिर भी उसी के ओर दिल खिचा चला जा रहा था।
आखिर में मै इस दिल से हार ही
 गया
और इस तरह फिर से मुझे प्यार हो गया।
मेरी कलम से # MERA DUSRA PYAR